Tamanna Ae Khaam- 11

Tamanna Ae Khaam- 11 माजी में..! “हां तो कोई छुप छुप कर मेरी विदाई में रो रहा था , यार मेरी शादी क्या हुई तुम तो गायब ही होगए  ना कॉल ना मैसेज कहा हो आखिर ..?” मिस्बाह आमिर को व्हाट्सएप पर मैसेज करती है ! ” sorry यार मैं अपनी पढ़ाई में बिजी हो…

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Tamanna_Ae_Khaam- 10

Tamanna_Ae_Khaam- 10 तमन्ना_ऐ_खाम _10 नूर और अलफ़ाज़ बातें करते हुए वापस बालकोनी वाले कमरे में जाकर कुर्सी पर  बैठ जाते है  !“नूर तुमने मेरे सवाल का जवाब नहीं दिया के  आगे किया करना है या किया होगा  ?” अलफ़ाज़ पूछती है !” आगे किया होगा यह तो मुझे भी मालूम नहीं , मगर मिसबाह अज़ीज़…

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Tamanna_Ae_Khaam- 09

Tamanna_Ae_Khaam- 09 बालकनी से सटे कमरे से अचानक एक खूबसूरत नक्श वा रंगत ,नीली बोलती आँखे , लम्बा क़द_ओ_कामत वाला एक नव जवान लड़का सलाम करते हुए अलफ़ाज़ के सामने आकर खड़ा होजाता है  और कहता है ! ” गुस्ताखी माफ करें .., बंदे को नूर अल फरीद कहते है और आप को जिस तीसरे…

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Tamanna Ae Khaam- 08

Tamanna Ae Khaam- 08 तमन्ना_ऐ_खाम -08 सुबह होते ही काशिफ उठ कर कमरे से बाहर चले  जाते है..! मैं सुबह के करीब  7 बजे नहा कर सीधे किचन की तरफ जाती हूं तो देखती हु के काशिफ़ गुस्से की हालत में हॉल रूम में अपने मां बाप के साथ बैठे है..! मैं खामोशी से किचन…

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Tamanna Ae Khaam- 07

Tamanna Ae Khaam- 07 शाम ढल कर रात में तबदील हो चूकी होती है ! बालकनी में आती जाती शरद हवायें अल्फ़ाज़ के वजूद को महका रही होती है! उसे यक़ीन नही होरहा होता है के वो किसी अंजान लड़की, जिससे वो एक दिन पहले मिली है उससे अपने जिंदगी के वो लम्हे शेयर कर…

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Tamanna Ae Khaam – 06

Tamanna Ae Khaam – 06 तमन्ना _ऐ _खाम -06 माज़ी में… शादी के कुछ ही दिन गुज़रे थे ! मैं किचन के काम निपटा कर दोपहर में  करीब चार बजे अपने कमरे में जाती हूँ तो काशिफ मुझे बेड पर बेखबर सोये हुए  मिलते है ! मैं कुछ देर बैठ कर उसे निहारती हूँ ! जैसे…

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Tamanna Ae Khaam-05

Tamanna Ae Khaam-05 तमन्ना_ऐ_खाम -05 “यह मोहब्बत भी बड़ी अजीब चीज़ होती है इसे आप किसी से माँग नहीं सकते यह तो बस खुद बा खुद आप की तक़दीर में अपनी जगह बना लेती है ! अगर आप की किस्मत अच्छी है तो वो खुद आप को नसीब होजाती है ! मगर मैं मोहब्बत के मामले…

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Tamanna Ae Khaam -04

Tamanna Ae Khaam -04 अल्फ़ाज़ हैरान सामने खड़ी लड़की को देख रही होती है फिर कुछ सोचते हुए कहती है! ” देखिये आप किस हक से मेरे घर को अपना घर कह रही है जरा आप बताने की ज़हमत करेंगी! “ ” क्यों ना अंदर चल कर बातें की जाये, अगर आप को कोई मसला ना…

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Lette Hi Neend Aagyi-11

Lette Hi Neend Aagyi-11 नरगिस के सांसों ने चलना छोड़ दिया होता है आधी खुली आंखे उसकी बेबसी झलका रही होती है ! फिर भी उसका भाई एक जुनूनी की तरह उसका गला दबा रहा होता है !  रमीज़ अपने ख्वाब में यह हौलनाक मौत का मंजर देख चिंखे मार मार कर रो रहा होता है मगर उस…

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Tamanna Ae Khaam -03

Tamanna Ae Khaam -03 तमन्ना_ऐ_खाम -03 एक नयी सुबह का आगाज हो चुकी होती है…! अलफ़ाज़ तैयार होकर नाश्ता तैयार करती है., राही को उसके बर्तन में नाश्ता देकर वो खुद भी नास्ता करती है…! फिर वो अपनी स्कूटी और शॉप की चाभी लेकर घर से निकलती है…! घर के बाहर का मौसम काफी खुशगवार…

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