Lette hi neend aagyi-02

Lette hi neend aagyi-02 सुबह हो चुकी थी मगर ना ही बारिश रुकी ओर ना ही तूफान थमने का नाम लेरहा होता है आज रमीज़ ने अपने कमरे में ही नमाज़ पढ़ा और दुआ करने में लग गया तस्बीह पढ़ते हुए वो जब कमरे से बाहर बरामदे में आया तो वही नक़ाब पोश औरत उसे…

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Lette hi neend aagyi-01

Lette hi neend aagyi-01 तेज़ तूफ़ान में क़ब्रिस्तान में कुदाल लिए क़ब्र खोदता 50 साल का अब्दुल रमीज़ निहायत ही शरीफ ईमानदार और नूरानी सख्सियत का मालिक रहता है ! सादा लिबास सिर पर हर वक़्त टोपी हाथों में तस्बीह बूढ़े लब जो हर वक़्त रब की तस्बीह पढ़ा करते है ! अपने गाँव रहमतगंज के पुराना…

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