Tamanna Ae Khaam -02

Tamanna Ae Khaam -02 तमन्नाऐ खाम -02 दिवाली को गुजरे दो दिन होचुके होते है ..! अपने घर के नजदीक अस्पताल की बिस्तर पर दो दिन से बेहोश पड़ी अल्फ़ाज़ की आँखे अचानक से खुलती है तो वो देखती है उसके चेहरे पर ऑक्सीजंन मास्क लगा होता है और हाथ पर पानी चढ़ने के लिए…

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Tamanna_Ae_Khaam-01

Tamanna_Ae_Khaam-01 तमन्ना ऐ खाम-01 हम में से हर एक की जिंदगी अंगिन्त ख्वाहिशों के बोझ तले दबी होती है, जिनमें से ज्यादतर ख्वाहिशें हमारी अधूरी ही रहती है! जिनके पूरा ना होने का दर्द हमें कभी कभी अंदर से खोखला कर जाता है! उसी तरह हम में से हर एक इंसान का कोई ना कोई…

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