Shah Umair Ki Pari-17

शाह उमैर की परी -17
शहर धनबाद में :
”उमैर आईने से गुज़र कर परी के कमरे में क़दम रखता हुआ बाहर हॉल में आता है ! जहाँ उसे परी
कार की तरफ जाती दिखती है ! घर पे मम्मी पापा उसके अपनी प्यार भरी बातों में मसगूल रहते है
! उमैर उन्हें मुस्कुरा कर देखता है फिर तेज़ी से बिना दरवाज़ा खोले आराम से पिछे सीट पर बैठ
जाता है !
परी तुमने कौन सा परफ्यूम लगा रखा है? बड़ी ही मनमोहक खुश्बू है इसकी !” आसिफ ने पूछा !
”क्या परफ्यूम ? नहीं… नहीं ,मैंने कोई परफ्यूम नहीं लगाया है, बल्कि मुझे तो लग रहा था कि
तुमने परफ्यूम की बोतल उड़ेल ली है, वो भी पूरी की पूरी !” परी ने कहा !
”हाँ मैंने परफ्यूम लगाया है but उसकी fragrance अलग है !”आसिफ ने कहा !
उमैर पीछे बैठा ख़ामोशी से उनकी बातें सुन रहा होता है ! वो खुश्बू उमैर की होती है
आसिफ परी से बातों में लगा होता है और परी को बार बार देख रहा होता है लेकिन , तभी
अचानक एक कार आसिफ की कार के एकदम सामने आ जाती है। इसेसे पहले की कार पेड़ से
टकराती उमैर कार की स्टेरिंग घुमा देता है , आसिफ जल्दी से ब्रेक लगा देता है ! !
”या अल्लाह तेरा शुकराना। सामने देख कर ड्राइव करो आसिफ वरना यही पे पार्टी हो जाती अपनी,
संगीता की शादी में तो मैं नहीं पहुँचती मगर वो मेरे जनाजे में कल जरूर पहुँच जाती। तुम ने तो
मेरी जान ही हलक में अटका दी आज !’’ परी ने सांसों को दरुस्त करते हुए कहा !
”i m so sorry…. परी वो बातों में और तुम पर मेरा ध्यान…. मेरा मतलब कि मेरा ध्यान भटक
गया था !”आसिफ ने हड़बड़ाते हुए कहा !
”हम्म ठीक है। पर अब से ध्यान से गाड़ी चलाना !”परी ने कहा!
‘’या अल्लाह तेरा शुक्र है कि मैं यहां पर मौजूद हूँ। वरना, पता नहीं आज क्या हो जाता ? अपनी
परी को पाने से पहले ही मैं उसे खो देता? नहीं ऐसा मेरे रहते कभी नही होगा ! ये कम अक्ल
आसिफ की खबर तो मैं बाद में लूंगा !” उमैर ख्यालों में कहता है !
”थोड़ी देर में दोनों धनबाद रेलवे स्टेशन के क़रीब रेलवे क्लब मैरिज हॉल में पहुँच जाते है !
परी जैसे ही कार से उतर कर संगीता के पास स्टेज में पहुँचती है, वहां मौजूद उसकी पहचान की
सभी लड़कियाँ उसे हैरत से उसके पहने हुए गाउन को देखती है!
‘’अब आयी हो तुम? ना हल्दी में आयी और ना ही मेहँदी में। हुह जाओ मुझे तुझसे बात नहीं करनी
!” संगीता नाराज होते हुए कहती है !
”अरे यार नाराज़ मत हो मेरी जान। प्लीज, देखो मेकअप खराब हो जाएगा तुम्हारा। …. आज तुम्हारी
शादी है और तुम मुझसे नाराज़ रहोगी? तुम नाराज़ रहोगी तो यंहा रहकर क्या फायदा? चल अब
माफ़ कर दो !’’ परी रोने वाला मुँह बना कर कहती है !
”अरे नहीं, पागल हो तुम। अभी आई हो अभी जाना है। गुस्सा थी, हल्दी मेहंदी में इंतजार
था।लेकिन यार मैं कैसे तुझसे नाराज़ हो सकती हूँ?” संगीता कहते हुए परी को गले लगाती है ! दोनों
की आँखे एक साथ नम हो जाती है !
”अभी बिदाई में टाइम है अभी से रोने लगी तुम? देखो मेकअप खराब हुआ तो तुम्हारे मियां जी
हमपर नाराज होंगे। आंसू पोछो चलो !” परी ने संगीता की आँखों को पोछते हुए कहा !
”नहीं….. नहीं ” मैं कहा रो रही? पागल तू रो रही है !” संगीता परी के आँसूं पोछते हुए कहती है !
फिर दोनों रोते हुए हँसने लगती है !
‘’परी तुम आज बहुत प्यारी लग रही हो। सच की परियों जैसी एकदम। ये ड्रेस कहा से लिया तुमने?
बहुत ही खूबसूरत है यार!’’ परी की कॉलेज फ्रेंड सुमन ने कहा !
“Thank you सुमन। ये ड्रेस? …. यह मेरे पापा लाये है मेरे लिए !” परी अटकते हुए कहती है !
”बहुत सुन्दर है यार। बताना तेरे पापा ने कौन सी शॉप से ली है? पुराना बाजार से या फिर राजेंद्र
मार्किट बैंक मोड़ से ?” सुमन ने फिर बेसब्री से पूछा !
”मुझे नहीं पता सुमन। पापा ने कौन से मार्किट से ली है। पूछ कर बताती हूँ बाद में !” परी ने
घबराते हुए कहा !
संगीता परी को परेशान देख सुमन की बात काटते हुए कहती है !
” परी तुम अकेली आयी हो क्या? अंकल आंटी को साथ में नहीं लायी?”
”नहीं मम्मी पापा नहीं आये संगीता। मैं आसिफ के साथ आयी हूँ, तुम तो जानती हो पापा चल नहीं
सकते व्हील चेयर में हर जगह जाना पॉसिबल भी नहीं !” परी ने कहा !
“अच्छा … वैसे ये आसिफ कौन है?’’ संगीता ने पूछा !
‘’अरे यार वही मेरे मकान मालिक का बेटा ! जानती नहीं क्या? कितनी बार तो बताया है तुम्हें?”
“वो आसिफ़?” संगीता को जैसे कुछ याद आया हो ऐसे उसने इशारे से कहा।
“हाँ जी बिल्कुल वही आसिफ़ जो मेरे पीछे पड़ा रहता है। बताया था ना ? तुम भूल जाती हो , तू
रुक मैं उसे अभी बुलाती हूँ खुद देख और मिल भी लेना उससे।” परी ने कहा!
‘’हाँ बुला ! ” संगीता ने कहा!
परी सामने खड़े आसिफ को इशारे से बुला कर संगीता और बाकी दोस्तों से मिलवाती है !
‘’परी शादी संगीता की है और दूल्हा दुल्हन तुम दोनों लग रहे हो ! कही तुम दोनो ने हमें बिना
invite किये क़ुबूल है कुबूल है तो नहीं कह दिया ना?”सुमन हंसते हुए कहती है तो आसिफ blush
करने लगता है !
‘’जी नहीं ! …… ऐसी कोई बात नहीं है ! फालतू के खयाली पुलाव ना बनाओ तुम !” परी चिढ़ कर
जवाब देती है !
”अरे यार परी इसमें चिढ़ने की क्या बात है ? तुम दोनों साथ में बहुत अच्छे लग रहे हो !”सुमन ने
कहा!
”अच्छे लग रहे तो क्या ? देखो सुमन फालतू की बात मुझे पसंद नहीं है, जानती हो तुम लेकिन
फिर भी बाज नही आती हो!” परी ने कहा !
‘’सॉरी बाबा गुस्सा मत कर !”सुमन ने कहा !
‘’चल अब फंक्शन स्टार्ट होने वाले है एन्जॉय करते है। माफ कर देना प्लीज!”सुमन ने कहा !
‘’हम्म ओके !” परी ने कहा !
थोड़ी ही देर में बारात आ जाती है और शादी की रस्मे शुरू हो जाती है ! संगीता और नीरज एक
दूसरे को वरमाला पहनाते है ! उसके बाद काफी देर तक फोटो सेशन चलता है !सभी लड़कियाँ अपने
अपने मोबाइल से सेल्फी लेने में बिजी रहती है !
‘’परी तुम फोटो क्लिक नहीं करोगी अपनी ? हम भी एक फोटो साथ में क्लिक करे क्या ?” परी को
चुप चाप खड़ा देख आसिफ ने कहा!
”हाँ ,मगर मेरी एक सिंगल फोटो मेरे मोबाइल से क्लिक कर देना !” परी ने आसिफ से कहा अपना
मोबाइल देते हुए !
”मेरे मोबाइल का कैमरा अच्छा है परी , तुम्हारी फोटो अच्छी आएगी !”आसिफ ने कहा !
”मुझे फोटो वगैरह में ज्यादा दिलचस्पी नहीं है, खींचना है तो मेरे फोन पर खींचो वरना रहने दो
!”परी ने कहा !
”ठीक है बाबा ,तुम्हारे ही फ़ोन से क्लिक कर देता हूँ !’’आसिफ ने कहा फिर वो परी की बहुत सारी
तस्वीरें क्लिक करता है एक फोटो खुद के साथ भी ! फिर मोबाइल परी को वापस कर देता है !
परी साइड पड़ी चेयर में आराम से बैठ जाती है आसिफ भी एक चेयर लाकर उसके पास बैठ जाता है!
“फोटो चेक् कर के देख लो कैसी आयी है ?” आसिफ ने कहा !
“हाँ देखती हूँ !” परी कहती है फिर एक एक कर के सारे फोटो देखती है ! मगर उसे हर फोटो में
उसके बगल में गोल्डन रंग का कुरता और वाइट पायजाबा पहने उमैर खड़ा दिखता है !
”परी तुरंत पलट कर पीछे देखती है मगर वहां उसे खड़ा कोई भी नहीं दिखता है !
”अरे क्या हो गया ? तुम इतनी परेशान क्यों हो रही हो?”आसिफ ने पूछा !
”आसिफ जरा तुम इन फोटोज को देखना !” परी आसिफ से कहती है !
”अच्छी आयी है तुम्हारी फोटो। लग ही रही हो हूर की परी। जन्नत से सीधे उतर कर आई हो जैसे।”
आसिफ ने फोटो देखते हुए बहुत प्यार से कहा !
”तुम्हे और कुछ नहीं दिखा उसमे? कुछ अजीब? कुछ अलग?” परी ने सवालिया नज़रों से देखते हुए
कहा !
”अरे बाबा तुम कहना क्या चाहती हो? साफ साफ़ कहो !”आसिफ ने कहा !
”तुम्हे मेरे पीछे खड़ा यह लड़का नहीं दिख रहा ?” परी ने पुछा !
”कौन लड़का परी हर फोटो में तुम अकेली खड़ी हो देखो सही से। आंखे कमजोर हो रही हैं तुम्हारी। ”
आसिफ ने कहा !
“परी यह मैं हूँ उमैर पहचाना नहीं? सुनो, तुम्हारे सिवा कोई भी मुझे नहीं देख सकता और ना ही
सुन सकता है !” उमैर परी के कानों में कहता !
उसकी बातें सुन कर परी फ़ौरन उठ पीछे देखती वहा उसे कोई भी नहीं दिखता है ! उसके हाथ पैरों
में और पूरे शरीर मे सिरहन दौड़ जाती है। पीछे देखकर भी जब कुछ नही दिखता तो परी सोचती है
सब उसका वहम है जबकी उमैर उसके सामने ही खड़ा बस उसे देख मुस्कुरा रहा होता है !
“या अल्लाह यह सब क्या हो रहा है मेरे साथ? कुछ भी समझ नहीं आ रहा !” परी खुद में कहती है
!
”मुझे तुम्हारी तबीयत ठीक नहीं लग रही है ! ऐसा करो हम पहले चल कर खाना खा लेते है फिर
घर चलते है !” आसिफ ने कहा !
“परी आसिफ चलो सब साथ में खाना खाते है हम भी खाना खाने ही जा रहे है !” सुमन और कुछ
लड़कियाँ कहती है !
”ठीक है चलो !” परी ने कहा फिर सब खाने की तरफ जाते है जहा बढ़िया से बढ़िया, लजीज खाने
का इंतजाम रहता है !
”सब एक साथ खाने बैठ जाते है ! आसिफ अपने और परी के लिए प्लेट में खाना लेकर आता है
और सुमन और बाकी लड़कियों के साथ बैठ कर खाने लगता है!
यह नवाब मेरी परी के साथ खाना खएगा अभी बताता हूँ ! उमैर खुद मे कहता है !
अभी आसिफ एक निवाला नान पूड़ी और मटर पनीर खाया ही होता है कि उसकी प्लेट खाली हो
जाती है !
“मेरा खाना कहा गया? अभी तो मैंने खाया भी नहीं !” आसिफ चौंकते हुए कहता है !
“तुमने खुद खाया होगा। अरे कोई बात नहीं जाओ दूसरी प्लेट ले आओ !” परी ने कहा फिर वो सुमन
और बाकी दोस्तों के साथ बात करने और खाने में लग जाती है!
आसिफ दुबारा खाना लेकर आता है इस बार वो ध्यान से खाने की तरफ देखते हुए खाता है मगर
फिर भी प्लेट खाली हो जाती है , उसे समझ नहीं आता के उसके साथ क्या हो रहा है ?
”परी यार देखो ना फिर से प्लेट खाली हो गई मेरी। मैंने सही से खाया भी नहीं !” आसिफ सर
खुजाते हुए कहता है !
“आसिफ ज्यादा भूख लगी है तो और खालो इस तरह शरमाने की क्या जरूरत?!” परी ने कहा !
“हाँ आसिफ आप जितना चाहो खा सकते हो आप चाहो तो मेरे प्लेट से भी खा सकते हो !” सुमन ने
कहा !
“जी नहीं शुक्रिया। मैं अब यहां पर नहीं खाऊंगा उधर ही खड़े होकर खा लेता हूँ !” आसिफ कहता
हुआ चला जाता है तभी सारी लड़कियां एक साथ हंसती है !
“एक नंबर का भुक्कड़ है परी यह तेरा मकान मालिक !” सुमन ने कहा !
”अच्छा है यार इसी बहाने वो थोड़ी देर के लिए यहां से गया तो। जब से आयी हूँ बस पीछे पीछे ही
घूम रहा है।” परी गुलाब जामुन उठाते हुए कहती है जैसे ही वो गुलाब जामुन खाने की कोशिश करती
है उसे महसूस होता है, किसी के होठ उसके हाथो से टकरा रहे है साथ में सांसों की गर्माहट भी और
जब वो देखती है गुलाब जामुन कोई आधा खा चुका है, वो समझ जाती है कि वहम नही, यह सब
कुछ उमैर कर रहा है ! फिर परी मुस्कुराते हुए वो आधा गुलाब जामुन खाने लगती है !
दूसरी दुनियाँ ” ज़ाफ़रान कबीला –
”उमैर के जाते ही अमाइरा नफिशा को तिरछी नज़र से घूरते हुए देखती है और कहती है !” खूद
सब बताओगी या मूझे पूछना पड़ेगा ?
”क्या अमाइरा आपी ?” नफिशा ने अनजान बन कर कहा !
”वही जो तुम समझ रही हो !” अमाइरा ने कहा !
”अच्छा बाबा ठीक है बताती हूँ !”नफिशा ने कहा !
”हम्म। बताओ फिर देर न करो।” अमाइरा ने कहा !
”पिछले एक साल से हनीफ और मैं एक दूसरे को पसंद करते है !जब वो उमैर भाई के साथ अक्सर
खेलने हमारे घर आते थे तब से !” नफिशा ने कहा !
“नफिशा बहन तुम इतनी तेज़ निकलोगी मुझे नहीं पता था खैर यह उम्र होती ही है, बिगड़ने वाली।”
अमाइरा ने कहा
“आपी इसमें बिगड़ने वाली कौन सी बात है? मोहब्बत करना कोई गुनाह नहीं है और यह तो खुद
बखुद हो जाता है !” नफिशा ने कहा !
“आपी आप को भी कभी कोई ना कोई पसदं तो आया ही होगा न?” नफिशा ने पूछा !
”नहीं बहन मुझे इन सब में कभी दिलचस्पी नहीं रही है ! मेरा वक़्त बस खुदा की इबादत और घर
के काम करने में हमेशा गुजरता है।” अमाइरा ने कहा !
“यानी आप बहुत बोरिंग हो !” नफिशा ने कहा !
”नहीं बिलकुल भी नहीं सब का ज़िन्दगी जीने का अलग अंदाज़ होता है मेरी बहन जरुरी नहीं है के
सब को इश्क़ हो , मुझे नहीं लगता है कि मुझे कभी इश्क़ होगा ! अम्मी न गई होती तो भी शायद
मैं सोचती कुछ अपने बारे में। पर… मुझे इन सब मे दिलचस्पी का भी वक्त नहीं मिला।” अमाइरा ने
कहा !
“होगा आपी जरूर होगा। .. कोई भी दिल मोहब्बत के जज़्बातों से आज तक खाली नहीं रहा है ,
देखना आप को भी मोहब्बत, इश्क जरूरी होगा और जब होगा तब आप को समझ आएगा कितना
खूबसूरत एहसास होता है यह। एक अजीब सा खिंचाव महसूस होता है अपने महबूब की तरफ , बिन
देखे ना सुकून मिलता है और नाही दिल को क़रार । कई मोहब्बत के संगीत मन में एक साथ बजने
लगते है ! बेवजह का लब खुद बा खुद मुस्कुरा जाते है !” नफिशा ने एक सांस में सब कह डाला !
“बस बस, इतनी बड़ी हो गई क्या तुम? सच मे? रुलायेगी क्या नफिशा अपनी आपि को? अमाइरा ने
कहा !
”आपी ये इश्क़ ऐसा ही होता है बेपरवाह सा तभी तो उमैर भाई भी बिना किसी बात की परवाह किये,
बेचैन होकर परी भाभी से मिलने चले गए। जब कि अब्बा ने उनको क़सम दे रखी है इंसानी दुनियाँ
में ना जाने की !”
“चल अब सो जा कल बातें करेंगे , मुझे बहुत नींद आ रही है !” अमाइरा ने कहा !
“ठीक है आपी जैसा आप कहो !” नफीशा ने कहा फिर दोनों बहने सो जाती है !
क्रमशः
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शमा खान
‘’तोड़ कर सभी क़समें वा वादें अपनों के चला आया हूँ मैं ,
तेरी मोहब्बत की तलब ने मुझे बाग़ी बना दिया !’’
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