Beti Rahmat Ya Zahmat

BETI-Rahmat ya Zahmat-end

BETI-Rahmat ya Zahmat-end अपने शौहर के इंतज़ार में नींद की आगोश में जा चुकी शबनम की आँख रात के आखिरी हिस्से में खुलती है तो वो देखती है के वो बिस्तर पर अकेली ही है !“कितने बे हिश होगये है नाज़िम , उनको मेरी परवाह ही नहीं इतनी रात होगयी मगर वो कमरे में नहीं…

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