shah umair ki pari

Shah Umair Ki Pari-31

Shah Umair Ki Pari-31 दूसरी दुनिया ”ज़ाफ़रान क़बीला ” :-“दादा अब्बू, क्या सच मे आप…… आप ज़िंदा हो ?” उमैर चौंकते हुए कहता है !“हाँ मेरे बच्चे बदकिस्मती से ज़िंदा हूँ मैं !” शाह कौनेन ने कहा !“मगर अब्बा ने तो कहा था कि आप…… आप नही रहे… मेरा मतलब है कि मर चुके हो…

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Shah Umair Ki Pari-14

Shah Umair Ki Pari-14 शाह उमैर की परी -14शहर धनबाद में ;-”क्या मैं अंदर आ जाऊं ?” आसिफ दरवाज़े पर खड़ा कहता है !”नहीं। ” परी ने कहा”मगर क्यों? ”आसिफ पूछता है”वो क्या है ना मुझे सुबह-सुबह मनहूस चीज़ें देखने की आदत नहीं है!” परी ने मुँह बना कर, चिढ़ते हुए कहा !”बदमाश लड़की ऐसे…

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Lette Hi Neend Aagyi-12

Lette Hi Neend Aagyi-12 लेटते ही नींद आ गयी-12 अपने ख़्वाबों से बेचैन रमीज़ मगरिब की नमाज़ पढ़ वापस इमाम साहब के पास बैठ जाता है और सवालियां नज़रों से उनकी तरफ देखता है ! “रमीज़ भाई क्या होगया है ? आप इस तरह मुझे क्यों देख रहे हो ? सब खैरियत तो? ” इमाम साहब ने पूछा…

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Lette Hi Neend Aagyi-11

Lette Hi Neend Aagyi-11 नरगिस के सांसों ने चलना छोड़ दिया होता है आधी खुली आंखे उसकी बेबसी झलका रही होती है ! फिर भी उसका भाई एक जुनूनी की तरह उसका गला दबा रहा होता है !  रमीज़ अपने ख्वाब में यह हौलनाक मौत का मंजर देख चिंखे मार मार कर रो रहा होता है मगर उस…

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Lette Hi Neend Aagyi-10

Lette Hi Neend Aagyi-10 अचानक अज़ान की आवाज़ कानों में पड़ते ही रमीज की आँख खुलती है आज का ख्वाब उसे हैरान करने वाला होता है पेसानी पर पड़े पसीने को पोछते हुए अपनी तेज चलती सांसो को दुरुस्त कर वो वज़ू कर के फज़र की नमाज़ अदा करता है ! बारिश का मौसम अपने जोरों पर रहता…

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Lette Hi Neend Aagyi-09

Lette Hi Neend Aagyi-09 क़ब्रिस्तान में सन्नाटा चारों ओर फैला होता है ! शबीना वापस आलती पालती मार कर बैठ अपना अमल पढ़ना शुरू कर देती है ! रमीज़ कुदाल अपने हाथ मे लिये शबीना के पास पहुँचता है ! “चलो अब जल्दी से क़बर खोद कर लड़की की मैय्यत निकालो मुझे अपना काम करना…

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Lette Hi Neend Aagyi-08

Lette Hi Neend Aagyi-08 नक़ाब पोश औरत के अचानक चले जाने के बाद  रमीज़ वापस अपने काम में लग जाता है , पूरे क़ब्रिस्तान में झाड़ू देकर वो अपने अम्मा- अब्बा के क़बर की मिटटी को सही कर के नहाने चला जाता है और मस्जिद में ही अपने अम्मा अब्बा के मगफिरत के लिए इमाम साहब से क़ुरआन खानी करवाता है…

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Lette Hi Neend Aagyi-07

Lette Hi Neend Aagyi-07 “आज मोहब्बत को किसने मेरे घर का पता दे दिया, जो वो मेहरबान कदमों से चल कर मेरी तरफ आगये !” बेर के पेड़ के नीचे खड़े रमीज़ को देख लाइबा परी ने मुस्कुराते पेड़ के डाल पर बैठे हुए कहती है! “देखो मैं यहाँ तुमसे कोई मोहब्बत निभाने नही आया हूँ मैंने तुम्हें पहले…

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Lette Hi Neend Aagyi-06

Lette Hi Neend Aagyi-06 लेटते ही नींद आ गयी-06 रमीज़ इतना थक चुका होता है के अब उसकी हिम्मत नही होती के वो क़ब्रिस्तान में क़बर के पास बैठी औरत के पास जाकर पूछे के वो आखिर किया कर रही है इतनी रात को , एक वो नक़ाब पोश अब दूसरी यह औरत जो बैठी ना जाने किया पढ़ रही…

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Lette Hi Neend Aagyi-05

Lette Hi Neend Aagyi-05 बारिश की रफ्तार थोड़ी कम हो चुकी थी बादलों ने भी चमकना और गर्जना बंद कर दिया था ! मगर क़ब्रिस्तान का सन्नाटा वैसे ही बरक़रार होता है ! लड़की का बाप इस तरह अपनी बेटी की लाश को देख बे इनतहाँ रोने लगता है ! जिस बेटी को लाल जोड़े में देखने की ख्वाहिश…

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