Ishq Ek Bla-03-End

Ishq Ek Bla-03-End “मेरी दिल की सुकून, मेरी जान ज़ारा , अस्सलाम ओ अलैकुम मैं यहां खैरियत से हूँ और उम्मीद करता हूँ के तुम भी खैरियत से होगी ! तुम्हारा खत मुझे वक्त पर मिल गया था ! पढ़ कर काफी ख़ुशी हुई और थोड़ा ताज्जुब भी , तुमने ऐसा क्यों कहा के हमारा…

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Shah Umair Ki Pari-01

Shah Umair Ki Pari-01 Shah Umair Ki Pari-01 season 02 दूसरी दुनियाँ ज़ाफ़रान कबीला महल की छत पर पड़े चारपाई पर उमैर लेटे हुए किसी बात को सोचते हुए अपने आप में मुस्क़ुरा कर अंगड़ाइयाँ  ले रहा होता है..!  उसे ऐसा करते देख अमायरा और नफीसा एक दूसरे को इशारा कर हँस रही होती है..! …

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Ishq Ek Bla-02

Ishq Ek Bla-02 “इश्क़” एक बला – 02 जब तक ज़ैद की पढ़ाई चलती रही तब तक वो और जारा दोनों एक दूसरे से हफ्ते,या महीने में कभी कभार छुप छुप कर मिलते रहे..! वक़्त के साथ साथ ज़ारा और ज़ैद की मोहब्बत परवान चढ़ती रही , मगर ज़ारा की भाभी और भाई के सितम…

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Ishq Ek Bla-01

Ishq Ek Bla-01 “चाचा जल्दी  से मुझे  एक नहाने का साबुन और सर्फ़ की पैकेट देना !” दरमियाना कद , साफ़ रंगत ,सलवार कुरता सरपर अदब से दुपट्टा रखे पैर में पुरानी हवाई चप्पल पहने ज़ारा हफ्ते हुए जनरल स्टोर पहुंचते ही  दुकानदार से कहती है..! “अरे ज़ारा बेटी आराम से , दे रहा हूँ इतनी जल्दी में क्यों हो..? ” दुकानदार ने ज़ारा को हांफते देख कहा..! “असल में चाचा घर पर बहुत सा काम पसरा हुआ है जिसे मुझे वक़्त पर मुकम्मल करने है , और भाभी नहाने जा रही थी तभी देखा तो सर्फ़ और  साबुन खत्म होचुके थे तो भाभी ने मुझे लाने भेजा..!” ज़ारा ने अपनी सांसों को दुरुस्त करते हुए कहा..!  “बस इतनी सी बात थी ,ये लो बेटा ये नहाने का साबुन और सर्फ़ की पैकेट तुम्हारे तिस रूपए होगये..!” दुकानदार ने ज़ारा को सामान थमाते हुए कहा..! ज़ारा के माँ बाप एक एक कर के कुछ साल पहले ही इंतेक़ाल हो चुके थे ! तब से वो अपने भाई और भाभी के साथ रह रही होती है माँ  बाप के मौत के बाद से उसके जिंदगी से सारे लाड वा प्यार भी मर चुके होते है..,   माँ बाप के मौत के बाद से ही  बेचारी पर जुल्मों सितम का दौर शुरू हो चुका होता है ! कोई भी दिन उसका ऐसा नहीं   गुजरता जिसमे उसकी भाभी के डांट फटकार और मार उसने ना खाया  हो !  दुकान में खड़ी जारा अभी अपने दुपट्टे के कोने में बंधे पैसे को दुकानदार को देने के लिये खोल ही रही थी के तभी उसकी नज़र सामने अपने दोस्तों के साथ बैठे ज़ैद पर पड़ती है जो इशारे में उसे सामान के पैसे देने से मना करता है , मगर जारा दुपट्टे से पैसे निकाल कर दुकानदार को देने लगती है के ज़ैद ने सामने से आकर उसका हाथ पैसे देने से रोक लिया और कहा !” तुम रहने दो  मैं पैसे देदूंगा और भी कुछ लेना है तो लेलो , मैं  कब से इशारे में तुम्हे पैसा देने से मना कर रहा था तुम हो के समझ ही नहीं रही..!”  “जैद मेरा हाथ छोड़ दो सारे लोग हमे ही देख रहे है !” ज़ारा जैद के हाथों को झड़कते हुए कहती है ! “ठीक है , मगर तुम्हारे समान के पैसे मैं दूंगा..!” जैद कहता है..! “नहीं चाहिए तुम्हारे पैसे..!”कहते हुए…

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Lette hi neend aagyi-01

Lette hi neend aagyi-01 तेज़ तूफ़ान में क़ब्रिस्तान में कुदाल लिए क़ब्र खोदता 50 साल का अब्दुल रमीज़ निहायत ही शरीफ ईमानदार और नूरानी सख्सियत का मालिक रहता है ! सादा लिबास सिर पर हर वक़्त टोपी हाथों में तस्बीह बूढ़े लब जो हर वक़्त रब की तस्बीह पढ़ा करते है ! अपने गाँव रहमतगंज के पुराना…

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shah umair ki pari

Shah Umair Ki Pari-01

Shah Umair Ki Pari-01  शहर धनबाद में :- “परी “अपने नाम की ही तरह खुबसूरत लम्बे बाल,गुलाबी होंठ, भूरी आँखे ,सुडौल सी दिखने वाली। बाइश साल की परी , नादिया हसन खान और हसन खान टैक्सी ड्राइवर की एकलौती बेटी और ज़िन्दगी की उलझनों में उलझी हुए एक आम जिंदगी जीती हुई लड़की ! परी…

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