shah umair ki pari

Shah Umair Ki Pari-31

Shah Umair Ki Pari-31 दूसरी दुनिया ”ज़ाफ़रान क़बीला ” :-“दादा अब्बू, क्या सच मे आप…… आप ज़िंदा हो ?” उमैर चौंकते हुए कहता है !“हाँ मेरे बच्चे बदकिस्मती से ज़िंदा हूँ मैं !” शाह कौनेन ने कहा !“मगर अब्बा ने तो कहा था कि आप…… आप नही रहे… मेरा मतलब है कि मर चुके हो…

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Shah Umair Ki Pari-21

Shah Umair Ki Pari-21 शाह उमैर की परी -21शहर धनबाद में :-परी जल्दी से कपड़े चेंज करती है फिर अपना पर्स चेक करती है जिसमे उसके उम्मीद के मुताबिकरूपए रहते है। वो मोबाइल जीन्स की पॉकेट में रख कर ,पर्स पीछे कंधे पर टांग कर नदिया जी कोअपने साथ लेकर उसी ऑटो में हॉस्पिटल निकल…

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Shah Umair Ki Pari-14

Shah Umair Ki Pari-14 शाह उमैर की परी -14शहर धनबाद में ;-”क्या मैं अंदर आ जाऊं ?” आसिफ दरवाज़े पर खड़ा कहता है !”नहीं। ” परी ने कहा”मगर क्यों? ”आसिफ पूछता है”वो क्या है ना मुझे सुबह-सुबह मनहूस चीज़ें देखने की आदत नहीं है!” परी ने मुँह बना कर, चिढ़ते हुए कहा !”बदमाश लड़की ऐसे…

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Shah Umair Ki Pari-04

Shah Umair Ki Pari-04 शाह उमैर की परी – 4 दूसरी दुनियाँ ‘’ ज़ाफ़रान क़बीला : –कई दिन गुज़र गए है मैंने बाहर का नज़ारा नहीं देखा शहंशा की दी हुई काम ही इतने ज्यादा है के मैं उनके महल से बाहर नहीं निकल पाया ! आज बाहर घूम आता हु थोड़ा ! ” उमैर…

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Tamanna_Ae_Khaam- 10

Tamanna_Ae_Khaam- 10 तमन्ना_ऐ_खाम _10 नूर और अलफ़ाज़ बातें करते हुए वापस बालकोनी वाले कमरे में जाकर कुर्सी पर  बैठ जाते है  !“नूर तुमने मेरे सवाल का जवाब नहीं दिया के  आगे किया करना है या किया होगा  ?” अलफ़ाज़ पूछती है !” आगे किया होगा यह तो मुझे भी मालूम नहीं , मगर मिसबाह अज़ीज़…

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Tamanna_Ae_Khaam- 09

Tamanna_Ae_Khaam- 09 बालकनी से सटे कमरे से अचानक एक खूबसूरत नक्श वा रंगत ,नीली बोलती आँखे , लम्बा क़द_ओ_कामत वाला एक नव जवान लड़का सलाम करते हुए अलफ़ाज़ के सामने आकर खड़ा होजाता है  और कहता है ! ” गुस्ताखी माफ करें .., बंदे को नूर अल फरीद कहते है और आप को जिस तीसरे…

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Tamanna Ae Khaam- 07

Tamanna Ae Khaam- 07 शाम ढल कर रात में तबदील हो चूकी होती है ! बालकनी में आती जाती शरद हवायें अल्फ़ाज़ के वजूद को महका रही होती है! उसे यक़ीन नही होरहा होता है के वो किसी अंजान लड़की, जिससे वो एक दिन पहले मिली है उससे अपने जिंदगी के वो लम्हे शेयर कर…

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Tamanna Ae Khaam – 06

Tamanna Ae Khaam – 06 तमन्ना _ऐ _खाम -06 माज़ी में… शादी के कुछ ही दिन गुज़रे थे ! मैं किचन के काम निपटा कर दोपहर में  करीब चार बजे अपने कमरे में जाती हूँ तो काशिफ मुझे बेड पर बेखबर सोये हुए  मिलते है ! मैं कुछ देर बैठ कर उसे निहारती हूँ ! जैसे…

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Tamanna Ae Khaam-05

Tamanna Ae Khaam-05 तमन्ना_ऐ_खाम -05 “यह मोहब्बत भी बड़ी अजीब चीज़ होती है इसे आप किसी से माँग नहीं सकते यह तो बस खुद बा खुद आप की तक़दीर में अपनी जगह बना लेती है ! अगर आप की किस्मत अच्छी है तो वो खुद आप को नसीब होजाती है ! मगर मैं मोहब्बत के मामले…

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Tamanna Ae Khaam -04

Tamanna Ae Khaam -04 अल्फ़ाज़ हैरान सामने खड़ी लड़की को देख रही होती है फिर कुछ सोचते हुए कहती है! ” देखिये आप किस हक से मेरे घर को अपना घर कह रही है जरा आप बताने की ज़हमत करेंगी! “ ” क्यों ना अंदर चल कर बातें की जाये, अगर आप को कोई मसला ना…

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